पटना भूमि सर्वेक्षण: पटना क्षेत्र में भूमि संबंधी धोखाधड़ी से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। आधार नंबर को भूमि रिकॉर्ड से जोड़ा जा रहा है। इसका मतलब है कि अब आपका आधार कार्ड आपके भूमि दस्तावेजों से जुड़ जाएगा। इससे सरकार को संपत्ति के वैध मालिक को निर्धारित करने में आसानी होगी। पटना जिले में भूमि रिकॉर्ड को आधार नंबर से जोड़ने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। 31 मई 2025 तक प्रशासन का लक्ष्य इस परियोजना को पूरा करना है।
इस प्रक्रिया से संपत्ति का स्वामित्व स्थापित करना आसान हो जाएगा। साथ ही, इससे भूमि संबंधी धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी। अब तक आधार को 13 लाख से अधिक भूमि रिकॉर्ड से जोड़ा जा चुका है। इसके लिए 17 लाख से अधिक लोगों ने आवेदन जमा किए हैं। सरकार के मुताबिक, इससे संपत्ति के वास्तविक मालिकों को निर्धारित करने में मदद मिलेगी। इसके परिणामस्वरूप धोखाधड़ी और भूमि विवाद के मामले कम होंगे।
नतीजतन, 31 मई तक यह काम पूरा कर लें। अधिकारियों के मुताबिक, कनेक्शन का यह काम 31 मई 2025 तक पूरा हो जाएगा। सरकार के मुताबिक, इससे जमीन के असली मालिकों की पहचान में आसानी होगी। धोखाधड़ी और जमीन विवाद के मामलों में भी कमी आएगी। नतीजतन, सरकार लोगों को जल्द से जल्द अपने जमीन के रिकॉर्ड को आधार से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
पटना में आधार को जमीन से जोड़ा जा रहा है। पटना प्रमंडल जमीन के रिकॉर्ड को आधार से जोड़ने में तेजी से प्रगति कर रहा है। अब तक 17,45,257 लोगों ने इसके लिए आवेदन जमा किए हैं। इनमें से 419,301 आवेदन अभी समीक्षाधीन हैं। 1,25,788 मामलों की समीक्षा के बाद वे फिलहाल कनेक्शन का इंतजार कर रहे हैं। मसौढ़ी और पालीगंज सबसे आगे इस प्रयास में पालीगंज और मसौढ़ी सबसे आगे हैं।
पालीगंज में 75,121 अभिलेखों को आधार से जोड़ा गया है, जबकि मसौढ़ी में 74,855 अभिलेखों को आधार से जोड़ा गया है। इन दोनों स्थानों पर सबसे अधिक लोगों ने अपने भूमि अभिलेखों को आधार से जोड़ा है। अन्य स्थानों पर भी यह काम तेजी से चल रहा है। धनरुआ में 57,840 अभिलेख, पुनपुन में 67,835 अभिलेख तथा बांकीपुर में 59,380 अभिलेख आधार से जोड़े गए हैं। विभाग ने महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। यह कार्य राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कड़े नियमों के अधीन है।
उन्होंने अनुशंसा की है कि सबसे पहले जमाबंदी अभिलेखों को आधार से जोड़ा जाए। इसका मतलब है कि जिनके पास भूमि संबंधी उचित कागजात होंगे, उनका काम तेजी से हो जाएगा। पटना जिले से काफी आवेदन आए पटना जिले में 31 मई तक सभी 17.45 लाख आवेदनों को आधार से जोड़ने का लक्ष्य है। इसे पूरा करने के लिए अंचल कार्यालयों में अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की गई है, ताकि प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके। आधार से लिंक होने से अवैध भूमि लेनदेन को रोका जा सकेगा। साथ ही, किसी व्यक्ति के नाम पर कितनी भूमि है, इसका सटीक डेटा उपलब्ध कराया जाएगा।
इस तरीके से आप अपनी संपत्ति को आधार से जोड़ सकते हैं।
अपनी संपत्ति को आधार से जोड़ना भी आसान है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की आधिकारिक साइट पर जाएं और अपना आवेदन ऑनलाइन जमा करें। इसके अलावा, आपको रजिस्ट्री कॉपी, जमाबंदी नंबर, रसीद और एलपीसी सहित कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा करने होंगे।
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